नई दिल्लीपेगासस जासूसी मामले पर विपक्ष चर्चा की मांग को लेकर अड़ा है। विपक्षी दलों के हंगामे के कारण संसद की कायर्वाही ठप्प है। इस गतिरोध के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने मंगलवार सुबह विपक्ष के नेताओं को चाय पर बुलाया है। इस दौरान वे साथ मिलकर सरकार को घेरने और दबाव बनाने की रणनीति पर चर्चा करेंगे। वहीं, बिहार के सीएम भी पेगासस मामले में जांच की मांग करके विपक्षी खेमे में खड़े हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने कांस्टीट्यूशन क्लब में सुबह 9.45 बजे विपक्षी नेताओं को नाश्ते पर बुलाया है ताकि पेगासस मामले पर सरकार को आगे घेरने और दबाव बनाने की रणनीति पर चर्चा की जा सके। सूत्रों ने बताया कि इसमें द्रमुक, शिवसेना, राजद, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को इनवाइट किया गया है। इसमें दोनों सदनों के विपक्षी दलों के नेता और सांसद शामिल हो सकते हैं। इससे पहले संसद भवन में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में प्रमुख विपक्षी नेताओं ने बैठक की। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में शामिल नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को पेगासस के मामले पर संसद में चर्चा करानी चाहिए और वे इस मांग को पुरजोर ढंग से उठाते रहेंगे। सूत्रों ने यह भी बताया कि कुछ नेताओं ने सरकार के रुख के विरोध में संसद की कार्यवाही का सांकेतिक आयोजन (मॉक पार्लियामेंट) करने का सुझाव दिया है। माना जा रहा है कि विपक्षी नेताओं की मंगलवार की बैठक में इस पर कोई फैसला होगा। पिछले कई दिनों से बना हुआ है गतिरोध राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं को ऐसे समय नाश्ते पर बुलाया है जब पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था। लेकिन, अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए शुक्रवार को लोकसभा में कहा था कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है। नीतीश ने मिलाया विपक्ष के साथ सुर पेगासस मामले पर विपक्ष को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ मिल गया है। जेडीयू एनडीए का पहला सहयोगी दल है जिसने विपक्ष के साथ पेगासस मामले में जांच की मांग की है। नीतीश कुमार ने कहा कि फोन टैपिंग की बात इतने दिनों से आ रही है तो इस पर चर्चा होनी चाहिए। सीएम नीतीश ने कहा कि निश्चित रूप से इस पर मेरी समझ से जांच कर लेनी चाहिए, ताकि जो भी सच हो, सामने आ जाए और कभी भी कोई किसी को डिस्टर्ब करने के लिए, परेशान करने के लिए, इस तरह का काम करता है तो नहीं होना चाहिए।
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