नई दिल्ली (UPSC) के इंटरव्यू में जाति अधारित भेदभाव की शिकायतें आती रही हैं। इसे देखते हुए ने शुक्रवार को आयोग को पत्र लिख कर सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि इंटरव्यू बोर्ड को अभ्यर्थियों की जाति से अवगत नहीं कराया जाना चाहिए। गौतम ने यह भी सुझाव दिया कि इंटरव्यू देने वाले कैंडिडेट्स का चयन रैंडम आधार पर होना चाहिए। इसके लिए आरक्षित और सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को अलग-अलग हिस्सों में बांटा जाता है। इस चीज को खत्म किया जाना चाहिए। मंत्री ने इस बारे में यूपीएससी के चेयरमैन प्रदीप कुमार जोशी को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा, ‘कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि आरक्षित श्रेणी के कैंडिडेट्स को व्यक्तित्व परीक्षण (इंटरव्यू) के अंक देने में प्रणालीगत भेदभाव है।’ गौतम ने कहा कि अगर इंटरव्यू बोर्ड को कैंडिडेट की जाति से अवगत न कराया जाए तो यह भेदभाव दूर किया जा सकता है। साथ ही इस भेदभाव को खत्म करने के लिए रिजर्व्ड और जनरल कैटेगरी को क्लब करने के बजाय इनका चयन रैंडम तरीके से हो। मंत्री ने व्यक्तित्व परीक्षण प्रक्रिया के दौरान आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के खिलाफ भेदभाव रोकने के लिए उठाए गए कदमों से भी यूपीएससी को अवगत कराने को कहा।
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