पीएमसीएच की इमरजेंसी में पांच वर्ष की खुशी व उसका तीन वर्षीय भाई पीयुष बार-बार मम्मी-पापा को खोजते रहे। उनके शरीर पर हल्की चोट थी लेकिन उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं थी। वे तो बस बार-बार अपने मम्मी-पापा और दादा-दादी को पुकार रहे थे।from Jagran Hindi News - jharkhand:dhanbad https://ift.tt/38KaDCb

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