वॉशिंगटनअमेरिका ने मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन से आधिकारिक तौर पर अलग होने का फैसला किया। अमेरिकी मीडिया ने यह जानकारी दी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका को डब्ल्यूएचओ से औपचारिक रूप से अलग कर लिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के इस स्वास्थ्य संगठन के खिलाफ बातें कही थीं। ट्रंप ने पहले आरोप लगाया था कि इस संगठन पर चीन का नियंत्रण है और कोरोना वायरस को लेकर आवश्यक सूचनाएं काफी बाद में जारी की गई थीं। पढ़ें, इस वायरस से अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है जहां 30 लाख से ज्यादा मामले अब तक सामने आए हैं। देश में कुल 1.3 लाख से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। 'द हिल' की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार (स्थानीय समय) को पुष्टि की कि व्हाइट हाउस ने आधिकारिक तौर पर डब्ल्यूएचओ से अमेरिका को अलग कर लिया है। अमेरिका का इस संगठन से अलग होना सोमवार से लागू होगा जिसकी जानकारी संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भी दे दी गई। सीनेट की विदेश मामलों की समिति के टॉप डेमोक्रेट सेन रॉबर्ट मेनेंडेज ने ट्वीट किया कि प्रशासन ने कांग्रेस को इस बारे में सूचना दे दी। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने मई में ही घोषणा की थी कि उनका देश विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ अपने संबंधों को समाप्त कर रहा है। ट्रंप ने तब कहा था, 'चीन का डब्ल्यूएचओ पर पूरा नियंत्रण है जो साल में केवल 40 मिलियन डॉलर का भुगतान करता है जबकि अमेरिका 450 मिलियन डॉलर देता है।' (एजेंसी से इनपुट)
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